कफ के गुण ,वात के गुण,पित्त के गुण

         

कफ के गुण 

 गुरुशीत मृदु स्निग्ध मधुरस्थिर पिच्छिला | 
श्लेष्मण : प्रशमं  यान्ति विपरीतगुणैरर्गुणा :| |         च सू ० (१/६०)

 स्निग्ध: शीतो  गुरुर्मन्द : श्लक्ष्णों  मृत्स्न : स्थिर : कफ:         (अ ० ह्र ० सू ० (१/१२   )

कफ    स्निग्धो गुरुः  श्वेत : पिच्छिल शीतलस्तथा | 
तमोगुणाधिक : स्वादुर्विदग्धो लवणों भवेत् | |               शा ०  पू  ०  (५/२९ )




वात के गुण 

रूक्ष : शीतो  लघु : सूक्ष्मश्चलोयाथ विशद: खर :| 
विपरीतगुणैर्द्रव्यैर्मारुतः   संप्राशम्याति  ||                               च ० सू ० (१/५८ )

अव्यक्तो व्यक्त कर्मा   च रूक्ष:  शीतो  लघु :खर:| 
तिर्यग्गो द्विगुणश्चैव  रजो बहुल एव च||                              सू ०  नि ० १/१७ 

 तत्र रूक्ष : शीतो  लघु :सूक्ष्मश्चलोथानिल :|                       अ ० ह्र ० सू ० (१/१४ )




पित्त  के गुण 


सस्नेहमुष्णं तीक्ष्णं च दरवमम्लं सरं  कटु | 
विपरीतगुणै: पित्त्ं  द्रव्यै राशु प्रशाम्यति | |                            च सू ० (१/५९ )

औष्ण्यतैक्ष्ण्यरौक्ष्यलाघवैशघगुण लक्षणं पित्तं | |                            सू ०  सू  ० ४२ /९  

पित्तं तीक्ष्णं  द्रवं पूति नीलं पीतं तथैव च | 
उष्णं कटुरसं  चैव विदग्धं  चाम्लमेव  च | |                                  सू ०  सू  ० २१  /१०   


पित्तं  सस्नेहतीक्ष्णोष्णं  लघु विस्त्रं  सरं द्रवम   |                              अ ० ह्र ० सू ० (१/११  )
पित्त मुष्णं द्रवं  पीतं  नीलं  सत्त्वगुणोतरम ||                                   शा ०  पू  ०  (५/२५)




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