तुण्डीकेरी चिकित्सा है ? (२०१०) छेदन भेदन छेदन लेखन छेदन भेदन

तुण्डीकेरी चिकित्सा है ?     (२०१०)
छेदन 
भेदन 
छेदन लेखन 
छेदन भेदन 

शोष रोग का निदानार्थकर रोग है ?  (२०१०)
कास 
ज्वर ->रक्तपित्त 
प्रतिश्याय ->कफ ->क्षय 
 २-३  

 more question


Comments

Popular posts from this blog

हिताहितं सुखं दु:खमायुस्तस्य हिताहितम् | मानं च तच्च् यत्रोत्तमाययुर्वेद : स उच्चते||

विकारो धातुवैषम्यं , साम्य प्रकृतिरुच्यते | सुखसंज्ञकमारोग्यं विकारो दुःखमेव च ||

समदोष:समाग्निच्श्र समधातुमलक्रिय: प्रसन्नात्मेन्द्रियमना: स्वस्थ इत्यभिधीयते॥ (सुश्रुत )