Ayurveda the saga of preventive medicine हिताहितं सुखं दु:खमायुस्तस्य हिताहितम् | मानं च तच्च् यत्रोत्तमाययुर्वेद : स उच्चते|| (च० सं ० सू ० ) Ayurveda the saga of preventive medicine आयुर्वेदव्याखा:-- हितकर , अहितकर ,सुखकर दु:खकर (करके ) आयु ( चार प्रकार की ) होती है |उस आयु के लिये हितकर ,अहितकर (सुखकर दु :खकर ) क्या होता है | आयु का मान क्या है उसका विवऱण जिसमे है | वह आयुर्वेद कहलाता है | आयुर्वेद का प्रयोजन- प्रयोजनं चास्य (आयुर्वेदस्य) स्वस्थस्य स्वस्थास्यरक्षणमातुरस्य विकारप्रशमनं च । (च ० सु० ) इहा खल्वायुर्वेदप्रयोजन...
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