शारीरिक दोष :
शारीरिक दोष :
वायु पित्तं कफश्चोक्त : शरीरो दोष संग्रह: (च सू १/५७ )
वात पित्तं श्लेष्माण एव देह संभव हेतव :| (सु सू २१/२)
वायु : पित्तं कफश्चेति त्रयो दोषा समासत :| (अ ० ह् सू १/६ )
शारीरिक दोष तीन है वात , पित्त कफ
मानसिक दोष :
मानस पुनरोधिष्टो रजश्च तम एव च|
मानसिक दोष २ है | - रज ,तम
इनमे रज प्रधान है |
वायु पित्तं कफश्चोक्त : शरीरो दोष संग्रह: (च सू १/५७ )
वात पित्तं श्लेष्माण एव देह संभव हेतव :| (सु सू २१/२)
वायु : पित्तं कफश्चेति त्रयो दोषा समासत :| (अ ० ह् सू १/६ )
शारीरिक दोष तीन है वात , पित्त कफ
मानसिक दोष :
मानस पुनरोधिष्टो रजश्च तम एव च|
मानसिक दोष २ है | - रज ,तम
इनमे रज प्रधान है |
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